आसोप जाने के लिये सड़क मार्ग, वायु मार्ग एवं रेल मार्ग द्वारा जोधपुर -मेड़ता-गोटन- जयपुर-अजमेर होकर पहूंचने की निरंतर व्यवस्था मिलती है।
श्री गायल माता मन्दिर में दोनों नवरात्रि के उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाये जाते है, जिसमे पूरे भक्तिभाव से बजाज, झंवर ,बाल्दी ,खाबाणी --सपरिवार माताजी के दर्शन एवं आशीर्वाद लेने आते हैं।
गायल माता मन्दिर के गर्भगृह में तीन देवी प्रतिमाएं विराजमान है। दाहिनी ओर की सबसे बड़ी प्रतिमा चामुंडा माता की है। चामुंडा माता की प्रतिमा के समीप ही मध्य में गायल माता विराजमान है जो कि माहेश्वरी समाज में बजाज, झंवर, बाल्दी, खाबाणी परिवार की कुलदेवी है।
गायल माताजी के प्रतिमा के समीप विद्यमान सबसे छोटी प्रतिमा छाबला माताजी की है।
गायल माता मन्दिर के परिसर में प्रवेश करते ही सामने विशाल द्वार दिखाई पड़ता है,इसके आगे बाई और दो धर्मशालाएं बनी हुई हैं जिसके पास ही एक बहुत ही सुंदर उद्यान बना है। यहां से आगे चलने पर बड़ी भोजनशाला स्थित है। उससे करीब ही मन्दिर का कार्यालय है, बाद मे है मन्दिर का अंदरूनी परिसर जहां गायल माता का मन्दिर स्थित है।
गायल माता के मन्दिर के सामने की ओर श्री हनुमानजी का मन्दिर एवं मुंदियाडा माता का छोटा सा स्थान और एक हवन कुंड बना है।
मन्दिर में गर्भगृह के बाहर की दाहिनी ओर के स्तंभ पर शिलालेख अंकित है, जिसमें इस मन्दिर के विक्रम संवत 1681में निर्मित होने की जानकारी मिलती है।
श्री गायल माता मन्दिर ट्रस्ट द्वारा ठहरने की उत्तम व्यवस्था -- चाय - दूध - फलाहार - अल्पाहार - भोजन की सुंदर व्यवस्था नि:शुल्क उपलब्ध है जिसका लाभ सभी भक्त गणो को मिलता है। मन्दिर परिसर मे एक बहुत सुंदर यज्ञ शाला है जिसमे प्रतिदिन यज्ञ होता है इस यज्ञ मे भी आप भक्त गण बैठ कर माता जी के आशिर्वाद लेने का सौभाग्य प्राप्त कर सकते है . माताजी जाने वाले सभी भक्त गण मन्दिर ट्रस्ट द्वारा संचालित व्यवस्था की सुविधा प्राप्त करने हेतु ट्रस्ट बोर्ड के आफीस से जानकारी ले लेवे श्री गायल माता मन्दिर की एक खास बात का आपको ध्यान रखना है कि मन्दिर परिसर मे वैष्णवी व्यवस्था बनाये रखे यहाँ पर किसी पंडीत पूजारी सेवक कर्मचारी को किसी प्रकार की भेट नगदी या अन्य किसी प्रकार की सामग्री प्रदान नही करे . आपको जो भी सेवा करना है वह ट्रस्ट के माध्यम से ही करे एवं श्री गायल परिवार ( बजाज - झंवर - बाल्दी - खाबाणी ) का सामूहिक नामकरण है हम सभी गायल परिवार के सदस्य है. आप मन्दिर मे जब भी किसी प्रकार की भेंट देवे उसकी रसीद ट्रस्ट के आफीस से अवश्य प्राप्त कर लेवे.|